पीरियड्स के दौरान महिलाओं में बढ़ सकता है एनिमिया का खतरा Risk of anemia in women during periods
एक नयी स्टडी के मुताबिक महिलाओं में पीरियड्स के दौरान होने वाला हेवी फ्लो भी एनिमिया का एक प्रमुख कारण हो सकता है। (Risk of anemia in women during periods)
एनिमिया या खून की कमी महिलाओं में एक बहुत ही आम बात है लेकिन इसे साधारण स्थिति मानना गलत है। दरअसल, एनिमिया यानि खून की कमीं की वजह से मरीजों के शरीर में हेल्दी ब्लड सेल्स की कमी हो जाने की वजह से उन्हें बहुत अधिक कमजोरी व् थकान महसूस होती है जिसकी वजह से उन्हें चलने फिरने तथा रोज मर्रा के काम करने में बहुत मुश्किलें होने लगती हैं।
एनिमिया से पीड़ित व्यक्ति के खून में हीमोग्लोबिन का स्तर बहुत कम होता है जिसकी वजह वे कमजोरी और थकान जैसी परेशानियां महसूस करने लगते हैं। एनीमिया शरीर में खून की कमीं वाली बीमारी है। भारत में महिलाओं और बच्चों में एनिमिया के मामले बहुत अधिक देखने को मिलते हैं।
महिलाओं में कमजोरी, खून की कमी और क्रोनिक थकान जैसी समस्याएं अधिक होती हैं। एक नयी स्टडी के अनुसार महिलाओं में एनिमिया होने का एक प्रमुख कारण हर महीने होने वाले पीरियड्स के दौरान होने वाला हेवी फ्लो भी हो सकता है। Anemia in women causes in Hindi
एनिमिया का कारण बन सकते है हेवी पीरियड्स Risk of anemia in women during periods
विशेषज्ञों के मुताबिक पीरियड्स के दौरान महिलाओं को हेवी ब्लीडिंग होने से उनमें एनिमिया की समस्या उत्पन्न हो सकती है। जब शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन नहीं मिल पाता तो हीमोग्लोबिन का निर्माण सही तरीके से नहीं हो पाता है। महिलाओं के भोजन में आयरन की बहुत अधिक कमी देखी जाती है, जो धीरे धीरे आगे चलकर एनीमिया का कारण बनता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, जिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान हेवी फ्लो के कारण हर 2 घंटे बाद सैनिटरी पैड बदलना पड़े या अगर किसी महिला को 7 दिनों से अधिक समय तक पीरियड्स होता है तो ऐसी महिलाओं में एनिमिया होने की सम्भावना बहुत अधिक होती है इसलिए उन्हें जल्द से जल्द डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
महिलाओं में एनिमिया के प्रमुख लक्षण क्या हैं?
- बहुत अधिक थकान
- त्वचा का रंग पीला होना
- थकान से चक्कर आना
- हार्टबीट अनियमित हो जाना
- सांस लेने से जुड़ी तकलीफें
- सीने में दर्द
- हाथ-पैर ठंडे पड़ना
- जोड़ो में दर्द
एनिमिया से बचाव के उपाय क्या हैं?
एनीमिया का इलाज तथा बचाव उसके प्रकार पर निर्भर करता है, जैसे-
- आयरन की कमी के कारण होने वाली एनीमिया के लिए डॉक्टर आयरन सप्लीमेंट्स देता है। इसके अलावा आप बींस, दाल, आयरन युक्त अनाज, गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां और ड्राई फ्रूट्स खा सकते हैं।
- फोलेट या विटामिन बी-12 की कमी के कारण होने वाली एनीमिया के लिए डॉक्टर फोलेट व विटामिन बी-12 सप्लीमेंट्स देता है। इसके अलावा गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां, राजमा, हरी मटर, मीट, सोया उत्पाद, मूंगफली और चावल आदि अपने खाने में इस्तेमाल करके इससे बचाव कर सकते हैं।
- अप्लास्टिक एनीमिया में रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाने के लिए ब्लड ट्रांस्फ्यूजन या बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरुरत हो सकती है।
सिकल सेल्स एनीमिया का पूर्ण इलाज मौजूद नहीं है। इसके लक्षणों को कम करने वाली मेडिसिन चलाई जा सकती हैं।
एनिमिया का खतरा
इस लेख में दी गयी जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है, यह केवल शिक्षा के उद्देश्य से ही है।