सीता रामम Sita Ramam Review
सीता रामम Sita Ramam Movie review : साउथ के सुपरस्टार दुलकर सलमान और मृणाल ठाकुर स्टारर ‘सीता रामम’ का हिंदी वर्जन (सीता रामम हिंदी वर्जन) 2 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो गया है। फिल्म में पुष्पा फेम रश्मिका मंदाना भी अहम भूमिका में हैं और मुख्य अभिनेता सलमान एक सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट राम की भूमिका निभा रहे हैं। वहीं, उनके अपोजिट मृणाल ठाकुर (sita ramam heroine) सीता महालक्ष्मी के रोल में हैं। फिल्म के तेलुगु वर्जन को खूब प्यार मिला और अब इसका हिंदी वर्जन भी लोगों को पसंद आया।
सीता–राम की प्रेम कहानी Sita Ramam story
‘सीता रामम’ (Sita Ramam Hindi) की कहानी भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध से सात साल पहले शुरू होती है। फिल्म उस धागे का पता लगाने की कोशिश करती है जिसके कारण कश्मीरी भारतीय सेना को अपना दुश्मन मानते हैं। कारगिल में ठंड से ठिठुरते सैनिकों के लिए सामान लाने वाले स्थानीय लोगों को भी आतंकवादी के रूप में देखा जाता है।
एटीट्यूड ही फिल्म ‘सीता रामम’ (Sita Ramam movie) का असली डीएनए है। धार्मिक कट्टरता के बीच लिखी गई एक प्रेम कहानी में धर्म का असली मतलब है, ‘परहित सरिस धरम नहीं भाई’. जब एक सैनिक अपनी बहन और वेश्यालय में पाई गई उसकी सभी रखेलियों को आजाद कराने के लिए अपने सपनों की दुनिया बसाने के लिए एकत्रित की गई सारी जमा पूंजी खर्च कर देता है, तब समझ में आता है कि धर्म का वास्तविक अर्थ क्या है!
सीता रामम Sita Ramam Movie review
‘सीता रामम’ (Sita Ramam) प्रेम कहानी की प्रमुख घटनाओं का वर्णन करती है। फिल्म में एक अनाथ सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट राम का जीवन तब पूरी तरह से बदल जाता है जब उसे सीता नाम की लड़की का पत्र मिलता है। इसके बाद उसकी मुलाकात उससे होती है और दोनों के बीच प्यार पनपता है। जब वह कश्मीर में अपने शिविर में लौटता है, तो वह सीता को एक पत्र भेजता है लेकिन वह उन तक नहीं पहुंचता है। बीस साल बाद, आफरीन की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली रश्मिका मंदाना को राम द्वारा सीता को अपना पत्र देने का काम सौंपा जाता है। हनु राघवपुडी द्वारा लिखित और निर्देशित इस फिल्म में सचिन खेडेकर और सुमंत भी हैं।
सीता रामम’ तेलुगु में बनी फिल्म है जो हिंदी में रिलीज हो गई है। अगर फिल्म हिंदी में ही बनी होती तो अब तक ट्रोल हो चुकी होती। फिल्म के हीरो दुलकर सलमान हैं। वह राम का किरदार निभा रहे हैं। फिल्म की नायिका मृणाल ठाकुर हैं और फिल्म में वह जो किरदार निभा रही हैं वह पारंपरिक नायिका का नहीं है।
समीक्षा
सीता रामम (हिन्दी) (Sita Ramam movie)
कलाकार sita ramam cast name
दुलकर सलमान, मृणाल ठाकुर, रश्मिका मंदाना, तरुण भास्कर, सुमंत यलगार्डा, गौतम मेनन, भूमिका चावला, प्रकाश राज और टीनू आनंद आदि।
लेखक sita ramam writer
हनु राघवपुडी, रुथम समर और राज कुमार कदमुदी
निदेशक sita ramam director
हनु राघवपुडी
रिलीज़ डेट sita ramam release date
2 सितंबर 2022
Sita Ramam on which ott platform
फिल्म सीता रामम का हिंदी संस्करण 18 नवंबर को डिज्नी+ हॉटस्टार पर रिलीज़ हुई।
सोचिए अगर किसी मूल हिंदी फिल्म में मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार ममूटी के बेटे दुलकर सलमान के किरदार का नाम राम रखा गया होता तो ट्रोल ब्रिगेड ने क्या किया होता? और, अगर किसी मुस्लिम पात्र को मंदिर में पुजारी को प्रणाम करते और माथे पर रोली लगाते दिखाया जाता तो क्या होता? शिक्षा प्राप्त करना और उस पर अमल करना, यही उत्तर और दक्षिण में अंतर है। जहां शिक्षितों का प्रतिशत अधिक है, वहां के लोग न केवल प्रगतिशील हैं, बल्कि सिनेमा और वास्तविक जीवन के अंतर को भी समझते हैं।
Sita Ramam reviews
फिल्म ‘सीता रामम’ (Sita Ramam Hindi) सीता और राम के आदर्श महाकाव्य के तार छेड़ती है। ‘सीता रामम’ तेलुगु में बनी फिल्म है जो अब हिंदी में रिलीज हो गई है। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नफरत के दौर में फिल्म ‘सीता रामम’ एक ऐसी प्रेम कहानी है, जिसे बताया जाना बेहद जरूरी है. इस फिल्म की पूरी टीम और खासकर इसके निर्देशक हनु राघवपुड़ी की सराहना की जानी चाहिए कि वह ऐसी कहानी पर एक बेहतर फिल्म बनाने में कामयाब रहे।
Sita Ramam Movie Story
फिल्म ‘सीता रामम’ (Sita Ramam Hindi) दो पीरियड में एक साथ चलती है। कहानी, जो 1964 में शुरू होती है, एक प्रेम कहानी है जिसमें देश भर के लोग रेडियो पर अकेले लेफ्टिनेंट राम की वीरता की कहानी सुनने के बाद उन्हें पत्र लिखना शुरू करते हैं। इसमें सीतालक्ष्मी का पत्र आता है जो राम को अपना पति मानती हैं। वह सारी बातें एक जैसे ही लिखती हैं.
राम अपनी सीता की खोज में निकल पड़ते हैं। एक और कहानी जो 1984 में लंदन में शुरू होती है। लंदन में पढ़ रही एक पाकिस्तानी लड़की अपने पिता की विरासत पाने से पहले उनकी आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए भारत आती है। उसके पास एक पत्र है जो उसे सीतालक्ष्मी को देना है। लेकिन, सीतालक्ष्मी की असली पहचान क्या है? इस बात का खुलासा होते ही फिल्म का पूरा ग्राफ बदल जाता है. कहानी समाज, रीति-रिवाज और परिवार की तंग गलियों से होकर गुजरती है। हर नुक्कड़ और कोने में एक नया मोड़ है। एक नया किरदार है. एक नया एहसास है और एक नया सिनेमा है ।
यह फिल्म आपको शुरू से लेकर अंत तक बाँधे रखने में कामयाब है । इस फिल्म को देखते समय आप बिलकुल भी बोर नहीं होने वाले हैं।