प्रदूषण बना रहा है पुरुषों को नपुंसक

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Pollution is making men impotent

प्रदूषण बना रहा है पुरुषों को नपुंसक Pollution is making men impotent

Pollution is making men impotent -आज प्रदूषण एक भयानक समस्या बनता जा रहा है। शहरों में प्रदूषण के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। दिल्ली जैसे शहरों में प्रदूषण ने खतरनाक रूप ले लिया है।

लेकिन, क्या आप जानते हैं कि प्रदूषण कई स्वास्थ्य समस्याओं के साथ-साथ पुरुषों की सेक्स लाइफ को कैसे प्रभावित करता है? आपको जानकर हैरानी होगी कि शहरों की प्रदूषित हवा पुरुषों को नपुंसक बना रही है। जिससे दंपति को संतान न होने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

पुरुषों में बांझपन

शहरों में बढ़ते प्रदूषण के कारण पुरुषों में बांझपन की समस्या बढ़ती जा रही है। और पुरुषों में बांझपन महिलाओं के गर्भधारण न कर पाने का एक सबसे बड़ा कारण है। प्रदूषण की वजह से 3 में से 1 पुरुष प्रजनन समस्याओं से पीड़ित है। शहरों रहने वाले पुरुषों में नपुंसकता की समस्या महिलाओं की तुलना में करीब 15 फीसदी ज्यादा बढ़ रही है।

Pollution is making men impotent

पुरुष प्रजनन क्षमता

जहरीली हवा में सांस लेने से शुक्राणु खराब हो जाते हैं और उनकी संख्या बहुत कम हो जाती है । जिससे गर्भधारण करने में बाधा आती है। शुक्राणुओं की संख्या, गतिशीलता और एकाग्रता में कमी के साथ, शुक्राणु फैलोपियन ट्यूब के अंदर तक नहीं पहुंच पाते हैं। जिसके कारण महिलाएं काफी कोशिशों के बाद भी गर्भधारण नहीं कर पाती हैं।

पुरुषों में सेक्स हार्मोन की कमी

हम जिस जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं उसमें कॉपर, जिंक, लेड जैसे खतरनाक तत्वों से बना पीएम है। ये पदार्थ एस्ट्रोजेनिक और एंटीएंड्रोजेनिक हैं, और इनके लंबे समय तक संपर्क में रहने से पुरुष सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन और शुक्राणु कोशिकाओं का उत्पादन कम हो जाता है। इस प्रक्रिया को अंतःस्रावी विघटनकारी गतिविधि या हार्मोनल असंतुलन कहा जाता है।

शुक्राणु का कम समय तक जीवित रहना

शुक्राणु कोशिकाओं का जीवन चक्र केवल 72 दिनों का होता है। लेकिन प्रदूषण में मौजूद सल्फर डाइऑक्साइड के प्रति 10 माइक्रोग्राम में शुक्राणु की बढ़ने की मात्रा में 8 प्रतिशत की कमी हो जाती है। वहीं, शुक्राणुओं की संख्या में 12 प्रतिशत तथा गतिशीलता में 14 प्रतिशत की कमी होती है। जिससे शुक्राणु कम दिनों में ही मरने लगते हैं।

खराब सेक्स लाइफ

सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी से पुरुषों की सेक्स ड्राइव में कमी आती है। जिससे सेक्स लाइफ भी खराब हो जाती है। हवा में मौजूद डीजल का धुआं, ओजोन का उच्च स्तर, सल्फर डाइऑक्साइड रक्त के अंदर खतरनाक रासायनिक प्रतिक्रियाएं पैदा करते हैं।

जिससे शरीर में फ्री-रेडिकल्स बढ़ जाते हैं और स्वस्थ पुरुषों में भी स्पर्म की क्वालिटी खराब हो जाती है। प्रदूषण के अत्यधिक संपर्क से बच्चे के जन्म के समय कम वजन, अवरुद्ध विकास, समय से पहले प्रसव और नवजात मृत्यु दर का खतरा भी बढ़ जाता है।

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